३. देवनागरी इन्पुट और आउट्पुट को जमाना

३.१. लैनक्स कॉंसोल

देवनागरी अक्षर लैनक्स कॉंसोल पर ठीक से प्रदर्शित नहीं होते है। लेकिन एन॰सी॰एस॰टी॰ ने एक ncst-term (ऍक्स विण्डो तन्त्र में टर्मिनल ऍम्युलेटर कार्यक्रम) निर्मित किया है जो टङ्कित कुञ्जियों को ncst-term में चल रही ऍप्लिकेशन तक भेजने से पहले यू॰टी॰एफ़॰-८ में परिवर्तित करता है, और यदि ऍप्लिकेशन यू॰टी॰एफ़॰-८ बाइट क्रम में आउट्पुट देता है तो यूनीकोड अक्षरों को प्रदर्शित करता है।

३.२. ऍक्स विण्डो तन्त्र

आपको XF86Config-4 फ़ाइल में परिवर्तन करने होंगे (यह आमतौर पर /etc/X11/ निर्देशिका में रहती है)। उदाहरण के लिये एक कॉन्फ़िग फ़ाइल XF86Config-4.indix इण्डिक्स तन्त्र के साथ संस्थापित होती है। यह फ़ाइल /etc/X11/ निर्देशिका में मिलेगी।

३.२.१. देवनागरी मुद्रलिपि

किसी भी भारतीय लिपि को ठीक से प्रदर्शित करने के लिये सबसे उचित मुद्रलिपि प्रारूप ओपन टाइप है। इण्डिक्स तन्त्र हिन्दी के लिये एक ओपन टाइप मुद्रलिपि के साथ आता है जिसक नाम है "raghu" या रघु। कोई इस मुद्रलिपि का प्रयोग व निःशुल्क वितरण कर सकता है। यह मुद्रलिपि आपको /usr/X11R6/lib/X11/fonts/TrueType/ निर्देशिका में मिलेगी।

इण्डिक मुद्रलिपियों का संस्थापन:

भारतीय मुद्रलिपियों को संस्थापित करने के लिये आपको रूट (root) लॉगिन करना होगा। ऍक्स फ़ॉण्ट सर्वर में इण्डिक तन्त्र के साथ कुछ समस्यायें हैं, इसलिये ऍक्स सर्वर के FontPath से उसे हटा दें। ऐसा करने के लिये आप अपनी XF86Config-4 फ़ाइल (जो कि आमतौर पर /etc/X11/ में होती है) को परिवर्तित करें। Files विभाग की पङ्क्तियाँ कमेण्ट कर दें और /usr/X11R6/lib/X11/fonts/TrueType/ को वर्तमान FontPath में जोड़ दें।

उसके बाद FontPath कुछ ऐसा दिखना चाहिये:
  FontPath   "unix/:7100"
  FontPath   "/usr/X11R6/lib/X11/fonts/misc"
  FontPath   "/usr/X11R6/lib/X11/fonts/100dpi"
  FontPath   "/usr/X11R6/lib/X11/fonts/75dpi"
  FontPath   "/usr/X11R6/lib/X11/fonts/TrueType"
  FontPath   "/usr/X11R6/lib/X11/fonts/Type1"
इसके बाद, अपनी ओपन टाइप मुद्रलिपि का प्रयोग करने के लिये, "freetype" मॉड्यूल को स्टार्टप में लोड करें। इसके लिये XF86Config-4 फ़ाइल के Module विभाग में यह पङ्क्ति जोड़ दें।
  Load "freetype"
Files विभाग में भी मॉड्यूल्स खोज पथ जोड़ें।
  ModulePath "/usr/X11R6/lib/modules/fonts"
  ModulePath "/usr/X11R6/lib/modules/drivers"
  ModulePath "/usr/X11R6/lib/modules"
  ModulePath "/usr/X11R6/lib"
  ModulePath "/usr/lib"
यदि आप कोई नई भारतीय मुद्रलिपियाँ संस्थापित करना चाहते हैं तो उन्हें भी /usr/X11R6/lib/X11/fonts/TrueType/ निर्देशिका में डालना चाहिये। अब इस निर्देशिका में जाइये और यह निर्दैश चलाइये :
  $ mkfontdir
  $ xset fp rehash
यदि आप अपनी नई भारतीय मुद्रलिपियाँ किसी और निर्देशिका में रखना चाहते हैं तो आपको xset का प्रयोग करके नया FontPath जोड़ना होगा। कृपया अधिक सहायता के लिये xset का मैन पृष्ठ देखें। नई संस्थापित मुद्रलिपियों का परीक्षण करने के लिये xlsfonts निर्देश चलायें। यदि इस निर्देश से आपको कोई भारतीय मुद्रलिपियाँ नहीं दिखती हैं तो X फिर से चालू कर के देखें।

३.२.२. देवनागरी कुञ्जीपटल आयोजन

इण्डिक्स तन्त्र xmodmap के लिये एक कुञ्जीपटल मानचित्रण फ़ाइल के साथ आता है। आप xmodmap कार्यसहायक का प्रयोग कर के देवनागरी कुञ्जीपटल का मानचित्रण कर सकते हैं। अधिकतर वितरणों में ऍक्स चालू करने पर ऍक्स-सर्वर Xmodmap फ़ाइल को /etc/X11/ निर्देशिका में ढूँढेगा। यदि वह फ़ाइल विद्यमान नहीं है, तो सर्वर .Xmodmap को $HOME में ढूँढेगा। .Xmodmap फ़ाइल को $HOME में डालने से काम चल जायेगा। ऍक्स सर्वर चालू करने पर वह इस फ़ाइल को लोड कर देगा। आप .Xmodmap को निर्देश पङ्क्ति से भी लोड कर सकते हैं :
  $ xmodmap ~/.Xmodmap

ध्यान-दें

यदि आप XFree86 उद्धरण ४.० या उसके बाद का उद्धरण प्रयोग में ला रहे हैं तो आपको XkbDisable पङ्क्ति InputDevice XF86Config-4 file के InputDevice वर्ग में डालनी होगी। आप keyboard विभाग इस उदाहरण की तरह आयोजित कर सकते हैं।
  Section "InputDevice"
  Identifier  "Keyboard0"
  Driver      "keyboard"
  Option      "XkbDisable"
  EndSection