[गुनह् = contraction of गुनाह्]
मुझ्को बता के॒ मैँने क्या यह् गुनह् किया है?
चाहा जो॒ दिल् तुम्हारा, तुम्को जो॒ दिल् दिया है!?
[घ़ाफ़िल् = neglectful] [तिश्नगी = thirst, temptation]
जब् जाम् उस्ने॒ घ़ाफ़िल्-अन्दाज़् से दिया है
ऐ शाम्-ए॒ तिश्नगी! मैँने ज़ह्र् तक् पिया है!
[हिज्र् = separation] [गुल्रू = rose faced]
रोए हैँ॒ हिज्र्-ए॒ गुल्रू मेँ यूँ , के॒ कोई॒ सम्झे
शब्नम् के॒ आँसुओँ को हम्ने सिमट् लिया है!
अब् फ़िक्र्-ए॒ शाइरी मेँ कट्ती हैँ॒ अप्नी॒ रातेँ;
ख़ून्-ए जिगर् से॒ कल्मे को फ़न्न् असर् दिया है!
[याँ = contraction of यहाँ]
ऐ हुस्न्-ए॒ ज़िन्दगी! लेना अङ्ग्ड़ाइयाँ तू!
याँ हर् अदा पे॒ तेरी, यारोँ ने॒ दम् लिया है!
[मुब्तला = distressed, involved]
ज़िन्दह् है॒ जिस् झलक् को, मर्ता है॒ उस् झलक् से!
ऐसे ही॒ मुब्तला, _रौशन्_ दम्-ब-दम् जिया है!