[लज़्ज़त् = pleasure]
के॒ जित्नी॒ लज़्ज़त् उठाते हैँ॒ हम् मनाने मेँ,
उठाए॒ उत्नी॒ ही॒ वह् फिर्से॒ रूठ् जाने मेँ!
[शै = thing] [सियाह्ख़ान: = house in darkness]
ज़िया-ए॒ हुस्न् है॒ वह् शै जो॒ काम् आती है
सियाह्ख़ान:-ए॒ दिल् का दिया जलाने मेँ!
[बुत् = beloved; idol] [सितम्गर् = tyrant]
न पूछ् मुझ्से॒ नज़ाकत् बुत्-ए सितम्गर् की;
हुआ है॒ चूर्, मे॒रे इक् नज़र् उठाने मेँ!
[क़द्द् = stature] [गेसू = tied up tresses]
[रसन्-ओ दार् = rope and gallows]
निकल् गए मे॒रे॒ अर्मान् क़द्द्-ओ॒ गेसू के;
हैँ॒ पेश्-अज़् रसन्-ओ दार् क़ैद्ख़ाने मेँ!
[ब-रू-ए॒ = upon]
ब-रू-ए॒ राह्-ए॒ मुहब्बत् चला है॒ जो, यारब्ब्!
व॒ह् इक् सितार:-ए॒ रौशन् रहा ज़माने मेँ!
[पास् = regard] [ऽअर्श् = the highest sphere]
ख़याल्-ए॒ पास्-ए॒ वफ़ा तक् नहीँ तुम्हे, _रौशन्_
बुलन्द् ऽअर्श्-ए॒ वफ़ा थे किसी ज़माने मेँ!