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रविवार, 23 नवंबर, 2008 को 00:50 GMT तक के समाचार

जम्मू-कश्मीर: 65 फ़ीसदी से ज़्यादा मतदान

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 65 प्रतिशत से ज़्यादा मतदान हुआ है. चुनाव बहिष्कार की अपीलों का कोई असर नहीं देखा गया.

मतदान के बाद चुनाव आयोग ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक दरहाल और कालाकोट में सबसे अधिक 73 फ़ीसदी मतदान हुआ जबकि नौशेरा में 70 फ़ीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

घाटी और जम्मू दोनों स्थानों पर मतदाताओं की लंबी क़तारें देखी गई.

जम्मू कश्मीर में मतदाताओं में वोट डालने के प्रति ख़ासा उत्साह देखा गया. सुबह ही से बड़ी संख्या में महिला और पुरुष मतदाता मतदान केंद्रों पर पहुँचने शुरु हो गए.

सुबह ठंड के कारण मतदान धीमा रहने के बाद दिन में तेज़ी देखी गई है.

भारी भीड़

कश्मीर घाटी में अलगाववादियों ने चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया है लेकिन मतदान केंद्रों पर भारी भीड़ को देख कर लगता नहीं है कि इसका कोई असर पड़ा.

लार मतदान केंद्र के पास मौजूद बीबीसी संवाददाता अल्ताफ़ हुसैन ने बताया कि मतदान केंद्र के पास पुरुषों और महिलाओं की लंबी क़तारें थीं.

कई बरसों से जम्मू कश्मीर के चुनावों को कवर कर रहे बीबीसी संवाददाता के शब्दों में '' मैंने कश्मीर के किसी चुनाव में इतनी लंबी लाइन नहीं देखी है. यहां तक के सामान्य परिस्थितियों में भी कश्मीर के इतिहास में इतनी लंबी क़तारें नहीं देखी गई हैं.''

मतदान केंद्रों पर युवा मतदाता बड़ी संख्या में देखे गए और उनका कहना था कि वो आर्थिक मुद्दों को तरज़ीह दे रहे हैं.

बेरोज़गारी मुद्दा

एक ग्रेजुएट मतदाता का कहना था कि उनके लिए बेरोज़गारी मुद्दा है और पढ़े लिखे होने के बावजूद मज़दूरी करने को मज़बूर हैं.

पहले चरण में कुछ मतदाताओं ने जहां आज़ादी को मुद्दा बताया था वहीं दूसरे चरण में कोई मतदाता आज़ादी को मुद्दा नहीं मान रहा था और अधिकांश लोगों ने स्थानीय मुद्दों पर ही वोट डाले.

एक नौजवान मतदाता का कहना था, " हुर्रियत ने आज़ादी के सपने दिखाए और इसके लिए लोग बीस साल लड़ते रहे लेकिन कुछ भी नहीं हुआ और ऐसे में बेहतर है कि अपने जीने के विकल्फ खोजे जाएं."

उधर कश्मीर में सुबह ही से अघोषित क्रफ़्यू जैसा माहौल था और शहर में बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी.

उल्लेखनीय है कि पहले चरण में भी बहिष्कार का आह्वान किया गया था लेकिन उस चरण में क़रीब 70 प्रतिशत मतदान हुआ.

जम्मू से बीबीसी संवाददाता बीनू जोशी ने बताया है कि जम्मू में भी मतदान का प्रतिशत अधिक रहा.

जम्मू के राजौरी ज़िले में सबसे अधिक 59 उम्मीदवार मैदान में हैं जिसमें राजौरी सीट पर 23, नौशेरा सीट पर 11, दरहाल में 12 और कलाकोट से 13 उम्मीदवार हैं.

सभी छह विधानसभा सीटों को मिला दें तो दूसरे चरण के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला समेत 81 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.

दूसरे चरण के क़रीब आधे मतदान केंद्रों को अति संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया था, जबकि शेष मतदान केंद्रों को संवेदनशील माना गया.

गांदरबल मुक़ाबला

इस चरण का सबसे दिलचस्प और आकर्षक मुक़ाबला गांदरबल क्षेत्र में है.

उमर अब्दुल्ला इस सीट पर पीडीपी के अफ़ज़ल और कांग्रेस के शेख़ इश्फ़ाक़ के ख़िलाफ़ त्रिकोणीय मुक़ाबले में हैं. इसके अलावा इस सीट पर नौ अन्य उम्मीदवार भी मैदान में हैं.

अफ़ज़ल ने 2002 में उमर अब्दुल्ला को पराजित किया था.

कंगन सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियाँ अल्ताफ़ अहमद लगातार चौथी जीत के लिए ताल ठोक रहे हैं.

इसके अलावा कांग्रेस के ग़ुलाम अहमद राठेर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के राधेश्याम शर्मा, कांग्रेस के रमेश चंद्र शर्मा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के बाग़ी उम्मीदवार चौधरी तालिब हुसैन और मोहम्मद शरीफ़ तारिक़ और कांग्रेस के विद्रोही प्रत्याशी अशोक कुमार शर्मा भी मैदान में हैं.

दो महिला उम्मीदवार बहुजन समाज पार्टी की शेराज़ बेग़म और मोहिंदर कौर (निर्दलीय) भी अपना भाग्य आजमा रही हैं.

पहले चरण में 17 नवंबर को राज्य विधानसभा की 10 सीटों के लिए मतदान हुआ था.

छठे चरण की अधिसूचना

इस बीच, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने 17 दिसंबर को होने वाले छठे चरण के मतदान के लिए अधिसूचना जारी कर दी है.

श्रीनगर में सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि छठे चरण में 16 विधानसभा क्षेत्रों के लिए वोट डाले जाएँगे.

इस चरण के लिए 29 नवंबर तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे. पहली दिसंबर को नामांकन पत्रों की जाँच होगी और प्रत्याशी 3 दिसंबर तक नाम वापस ले सकेंगे.

छठे चरण के दौरान 5.6 लाख महिलाओं समेत कुल 11.6 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे.