5. अंतर्राश्ट्रीय परिस्थितियां और वोटरषिप
1. संसार का अनोखा प्रस्ताव (?)
2. मजदूरों की मजदूरी बढ़ जायेगी, भुगतान संतुलन
गड़बड़ा जायेगा?
3. विदेषी पूंजी आना बन्द हो जायेगी (?)
· विदेषी पूंजी कर्ज में बदल सकती है
· निवेष केवल देष का नहीं, विदेषी निवेषकर्ता का भी स्वार्थ
· देषी व विदेषी पूंजीपति में अन्तर
· विदेषी पूंजी देष नहीं, विष्वव्यापारियों की भलाई के लिये है
· देषी पूंजी का सदुपयोग विदेषी पूंजी का विकल्प
6. गरीबी उन्मूलन के अन्य विकल्पों की समीक्षा
(क) राजषाही में गरीबी उन्मूलन अकल्पनीय था
(ख) सामंतषाही में प्रजा बैल का विकल्प थी
(ग) गरीबी उन्मूलन प्रजाषाही की जरूरत बन गई
(घ) राजषाही व प्रजातंत्र के संक्रमणकाल में राज्य की सम्पत्तिा पर
पूंजीवादियों का कब्जा ही गरीबी के स्थायित्व का कारण
(ड.) गरीबी उन्मूलन के लिए अर्थसत्ताा के वंषानुगत अधिकार पर अंकुष
आवष्यक
(च) गरीबी रेखा की कल्पना अलोकतांत्रिक
4. गरीबों को अमीरों की दया पर छोड़ना
7. वोटरषिप प्रस्ताव का अर्थषास्त्रीय परीक्षण
1. मुद्रा नीति के इतिहास की झलक
2. मुद्रा के सम्बन्ध में अर्थषास्त्रियों के कथनव पुर्नमूल्यांकन
3. स्वर्णमान के विशय में अर्थषास्त्रियों के कथन
4. मुद्रा प्रसार व संकुचन के विशय में अर्थ षास्त्रियों
के कथन व पुर्नमूल्यांकन
5. लोकवित्ता पर अर्थषास्त्रियों के कथन व उनकी व्याख्या
6. करारोपण पर अर्थषास्त्रियों के कथन व उनकी व्याख्या
प्रमुख याचिकाकर्ता भरत गांधी की व्याख्या-
1. आर्थिक तंगी से प्रेरित अपराधों पर पूर्ण नियंत्रण
· आर्थिक तंगी जनित अपराधों पर अंकुष
· आर्थिक भेदभाव जनित अपराधों पर अंकुष
· आर्थिक विशमता के दर्षन की पीड़ा जनित अपराधों पर अंकुष
3. जनसंख्या वृध्दि पर अनुभवसिध्द अंकुष
4. कर्माधारित वर्णव्यवस्था का उद्विकास
5. भ्रश्टाचार पर अवष्यंभावी अंकुष
(क) सरकारी क्षेत्र के संकुचन से भ्रश्टाचार का स्वत: संकुचन
(ख) व्यवस्थागत भ्रश्टाचार पर अंकुष
(घ) राजनैतिक चन्दे का प्रबन्ध व भ्रश्टाचार पर रोक
7. आर्थिक दलितों के साथ आर्थिक न्याय
9. गरीब परिवारों में जन्मी प्रतिभाओं के कत्लेआम
पर प्रभावषाली रोक
10. प्राकृतिक आपदाओं में स्वचालित राहत प्रणाली का उदय
11. राश्ट्र की दिमागी विकलांगता का इलाज
12. अनैच्छिक वेष्यावृत्तिा से छुटकारा व पुर्नवास
13. महापुरूशों की आत्माओं को षांति
· स्वतंत्रता सेनानियों की आत्माओं को षांति
· अर्थषास्त्रियों का बहुप्रतीक्षित लक्ष्य प्राप्त हो जायेगा
· दार्षनिकों की मंषा पूर्ण
· धार्मिक महापुरूशों का उद्देष्य पूरा
14. बहुराश्ट्रीय कम्पनियों पर क्षतिपूर्ति दायित्व
(क) लोकतांत्रिक प्रेम में वृध्दि
(ख) लोकतंत्र के पहरेदारों में वृध्दि
(क) संविधान सभा की लालसा पूरी होगी
(ख) विधि के समक्ष समता (अनु. 14 व अनु. 15)
17. बेरोजगारी की समस्या पर प्रभावषाली अंकुष
(ज) उर्ध्वाधर सचिवालयों में भर्ती
(झ) अन्त प्रेरित:प्रज्ञात्मक रोजगार
18. भोजन, आवास, पेय जल, शिक्षा, चिकित्सा सम्बन्धी समस्याओं का समाधान
(क) खाद्य समस्या का समाधान व किसानों को लाभकारी
मूल्य की प्राप्ति
(ग) पेय जल की समस्या का गारंटीषुदा समाधान
(घ) षत प्रतिषत षिक्षित समाज का उदय
(ड.) षत प्रतिषत लोगों का स्वास्थ्य बीमा
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